वैरागी और दीवानी
पौराणिक है यह प्रेम कहानी...
एक वैरागी और उसकी दीवानी....
जो किसी का वशी नहीं ..वह स्वयं शिव है
शिव ही सत और सती के ही शिव है|
एक खुली पावन सी, अंबर धारा..
दूजा मसान का मंजर सारा
शिव माने खुद को शव, बिन अपनी शक्ति के
महाकाल की महाकाली वह, "अर्धनारेश्वर" दोनों मिलके।।
Mahadev��☺��
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